TERI JUDAI NE GHAZAL


तेरी जुदाई ने मुझे शेरो-शायरी सिखा दी। पत्थरोँ को दिल का हाल सुनाने चला हूँ रूठी किस्मत को मनाने चला हूँ।

ना काम जनादा उठाये हुए, मैँ उनसे वफ़ा निभाने चला हूँ।

वो बेवफ़ा न थे मैँ बदनसीब था, यह बात ज़माने को बताने चला हूँ।

सावन की घटाऔँ का कल-उमङना, आज तो मैँ आँसु बहाने चला हूँ।

मेरी शायरी किसी का दिल ना दुखाये, इसलिये तन्हाई को अपनी गज़ल सुनाने चला हूँ॥
-RAMNIVAS BISHNOI

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