वो बचपन… Bachpan Dosti जवानी से अच्छा कहीं एक बचपन हुआ करता था गालिब जिसमें दुश्मनी की जगह सिर्फ एक कट्टी हुआ करती थी…।। कितने खुबसूरत हुआ करते थे, बचपन के वो दिन कि सिर्फ दो उंगलियाँ जुड़ने से दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी। Share this Share on FacebookTweet on TwitterPlus on Google+