Khamosh rahta hu

खामोश रहता हूँ क्योंकि अभी दुनिया को समझ रहा हूँ. समय जरूर लगेगा, पर जिस दिन दांव खेलूंगा उस दिन खिलाड़ी भी मेरे होंगे. और खेल भी मेरा होगा.

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