जली को आग कहते हैं बुझी को राख कहते हैं, उससे जो बारूद बनती सूरज उसे भगवा शेरों की बारात कहते हैं
हैं देशभक्ति का रक्त जिनकी रगों में लोग उन्हें ही चुनते हैं, जो हर देशभक्त के सीने में बसते हैं।
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