जैसे कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है

जैसे कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है;

मुस्कुराने के लिए भी रोना पड़ता है;

यूं ही नहीं आते ख्वाब हसीं रातों को;

देखने के लिए ख्वाब सोना भी पड़ता है।

शुभ रात्रि!

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