Yuh mud mud ke mat

यूँ मुड़ मुड़ के मत देख पगली ,इस दिल में राजपुताना बसा है,तेरा रास्ता अलग है , मेरी मंज़िल अलग है,तुझे खुशियों का घर बसाना है और मुझे मेरा राजपुताना वापिस लाना है !!

The post Yuh mud mud ke mat appeared first on LoveSove.com.



Copyright © 2012-2016 Mast Shayri
Template by Ram Nivas Bishnoi
Distributed By Get1 Templates