एक प्यार का पुल यहीँ बाँध देँगे हम।
चारोँ दिशा मेँ अँधेरा छाया, तो क्या
मन की रोशनी से राह देख लेँगे हम।
सफर रेगिस्तान का आज मिला, तो क्या
तपिशे-सहारा मेँ कदम बढ़ाएंगे हम।
सागर मेँ कश्ती तुफां से घिरी, तो क्या
अपनी हिम्मत से साहिल तक पहुँचेँगे हम।
वक्त के पल्लोँ का साथ न मिला, तो क्या
जैसा मिला जीवन, हर पल जिएंगे हम॥R॥
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