कुँवारे हम भी नहीँ

हसीन तुम हो, तो बुरे हम भी नही,

महलोँ मेँ तुम हो, तो सङक पे हम भी नहीँ,

प्यार करके कहते हो, शादी शुदा हूँ,

कान खोल के सुनलो कुँवारे हम भी नही॥R॥


लोग इश्क करते है, बङे शोर के साथ,

हमने भी किया था, बङे जोर के साथ,

मगर अब करेँगे गौर के साथ,

क्योँकि

कल देखा था उसे किसी ओर के साथ॥R॥

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