मेरी दोस्ती

बिकते हैँ गम प्यार के बाज़ार मेँ,

लाखोँ दर्द छिपे होते हैँ, एक छोटी सी 'इनकार' मेँ,

हो जायेँ अगर जमाने से दुखी,

तो स्वागत है मेरे दोस्ती के दरबार मेँ॥R॥
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