ना हाथ मिलाएँगे ना गले मिलेंगे
इस शहर के मिज़ाज का हम पालन करेंगे
हम तो वो शख़्सियत हैं हुज़ूर
जो दूर रहकर भी दिल से दिल मिला लेंगे
~जालिम की कलम से
The...
मैंने रातो को बदलते देखा है
मैंने दिन को भी ढलते देखा है
क्यूंकि इस आँखों ने तुम्हारी सिवा कुछ भी नहीं देखा है।
The post मैंने रातो को बदलते देखा है...